जिंदा रख

अमीर जिंदा रख, कबीर जिंदा रख....
सुल्तान भी बन जाए तो,
दिल में फकीर जिंदा रख ...  

हौसले के तरकश में,
कोशिश का वो तीर जिंदा रख ...
हार जा चाहे जिंदगी में सब कुछ,
मगर फिर से जीतने की वो उम्मीद जिंदा रख...

बहना है तो बेशक बह जा 
मगर सागर में मिलने की वो चाह जिंदा रख ...
मिटता हो तो आज मिट जा तू 
मगर मिटने के बाद भी इंसानियत जिंदा रख.... 
       

Comments

Popular posts from this blog

जाड़े की धूप

मुझे कदम-कदम पर

देशभक्ति कविताएँ