आहिस्ता चल जिंदगी
आहिस्ता चल जिंदगी, अभी
कई कर्ज चुकाने बाकी है।
कुछ दर्द मिटाना बाकी है,
कुछ फ़र्ज़ निभाना बाकी है।
रफ़्तार में तेरे चलने से,
कुछ रूठ गए कुछ छूट गए।
रूठों को मनाना बाकी है,
रोतों को हँसाना बाकी है।
कुछ रिश्ते बनकर, टूट गए,
कुछ जुड़ते - जुड़ते छूट गए।
उन टूटे - छूटे रिश्तों के
जख्मों को मिटाना बाकी है।
कुछ हसरतें अभी अधूरी हैं,
कुछ काम भी और जरुरी है।
जीवन की उलझ पहेली को,
पूरा सुलझाना बाकी है।
जब साँसो को थम जाना है,
फिर क्या खोना, क्या पाना है।
पर मन के जिद्दी बच्चे को,
यह बात बतानी बाकी है।
आहिस्ता चल जिंदगी, अभी
कई क़र्ज़ चुकाने बाकी है।
कुछ दर्द मिटाने बाकी है,
कुछ फ़र्ज़ निभाना बाकी है।
कई कर्ज चुकाने बाकी है।
कुछ दर्द मिटाना बाकी है,
कुछ फ़र्ज़ निभाना बाकी है।
रफ़्तार में तेरे चलने से,
कुछ रूठ गए कुछ छूट गए।
रूठों को मनाना बाकी है,
रोतों को हँसाना बाकी है।
कुछ रिश्ते बनकर, टूट गए,
कुछ जुड़ते - जुड़ते छूट गए।
उन टूटे - छूटे रिश्तों के
जख्मों को मिटाना बाकी है।
कुछ हसरतें अभी अधूरी हैं,
कुछ काम भी और जरुरी है।
जीवन की उलझ पहेली को,
पूरा सुलझाना बाकी है।
जब साँसो को थम जाना है,
फिर क्या खोना, क्या पाना है।
पर मन के जिद्दी बच्चे को,
यह बात बतानी बाकी है।
आहिस्ता चल जिंदगी, अभी
कई क़र्ज़ चुकाने बाकी है।
कुछ दर्द मिटाने बाकी है,
कुछ फ़र्ज़ निभाना बाकी है।
very nice
ReplyDeleteThank you dear!
ReplyDeleteYe life se coneted hai
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