ठंड
ठंड का मौसम हमे बहुत ही अच्छा लगता है। ठंड का मौसम कुछ इस तरह का होता है :-
जाड़े की धूप, टमाटर का सूप।।
मूंगफली के दाने, छुट्टी के बहाने ।।
तबीयत नरम , पकौड़े गरम ।।
ठंडी हवा, मुँह से धुँआ ।।
फटे हूए गाल, सर्दी से बेहाल ।।
तन पर पड़े, ऊनी कपड़े ।।
दुबले भी लगते, मोटे तगड़े ।।
किटकिटाते दाँत, ठिठुरते ये हाथ ।।
जलता अलाव, हाथों का सिकाव ।।
गुदगुदा बिछौना, रजाई में सोना ।।
सुबह का होना, सपनो में खोना ।।
स्वागत है सर्दियों का आना ।।
जाड़े की धूप, टमाटर का सूप।।
मूंगफली के दाने, छुट्टी के बहाने ।।
तबीयत नरम , पकौड़े गरम ।।
ठंडी हवा, मुँह से धुँआ ।।
फटे हूए गाल, सर्दी से बेहाल ।।
तन पर पड़े, ऊनी कपड़े ।।
दुबले भी लगते, मोटे तगड़े ।।
किटकिटाते दाँत, ठिठुरते ये हाथ ।।
जलता अलाव, हाथों का सिकाव ।।
गुदगुदा बिछौना, रजाई में सोना ।।
सुबह का होना, सपनो में खोना ।।
स्वागत है सर्दियों का आना ।।
You share really interesting poems. did u write it?
ReplyDeleteNo, ma'am. This is written by my grandfather. Since he is not using computer, so i put it here.
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