एक ही धर्म: "मनुष्यता"
👉 *_एक ही धर्म_ : "मनुष्यता"* 👈 ------------------------------------------------- आए हो इस दुनिया में, तो कुछ धर्म करो, मरने से पहले अपने लिए, अच्छे कर्म करो। दूसरो के लिए जियो, प्रेम तुम सबसे करो, मनुष्यता ही धर्म है, मनुष्य के लिए मरो।। मांगे जो कोई भी, ना, कभी ना करो, दूसरो की खुशी के लिए, प्राण का भी दान करो। मनुष्य हो, मनुष्य के तुम दुःख हरो, मनुष्यता ही धर्म है, मनुष्य के लिए मरो।। हिंदू हो या मुसलमान, न किसी का अपमान करो, दोस्त तो दोस्त है, दुश्मन का भी सम्मान करो। प्रसन्न मन सबका, रखने का प्रयास करो, मनुष्यता ही धर्म है, मनुष्य के लिए मरो।। मुश्किल में हो जो कोइ, मदद के लिए आगे बढ़ो, अच्छाई कर रहे हो तुम, यम से भी ना डरो। उदारता से अपने, तुम सबको *निहाल* करो, मनुष्यता ही धर्म है, मनुष्य के लिए मरो।। ✍🏻✍🏻-- *_निहाल राज_*✍🏻 ✍🏻