Posts

Showing posts from November, 2017

शायद ज़िन्दगी बदल रही है

आज मै अपने    मेल में कुछ पुराने   मेल सर्च कर रहा था।   तब ये कविता मुझे मिली , जिसे मै आपके साथ साझा कर रहा हु।       शायद ज़िन्दगी बदल रही है !!   जब मैं छोटा था, शायद दुनिया बहुत बड़ी हुआ करती थी.. मुझे याद है मेरे घर से "स्कूल" तक का वो रास्ता, क्या क्या नहीं था वहां, चाट के ठेले, जलेबी की दुकान, बर्फ के गोले, सब कुछ, अब वहां "मोबाइल शॉप", "विडियो पार्लर" हैं, फिर भी सब सूना है.. शायद अब दुनिया सिमट रही है... जब मैं छोटा था, शायद शामे बहुत लम्बी हुआ करती थी. मैं हाथ में पतंग की डोर पकडे, घंटो उडा करता था, वो लम्बी "साइकिल रेस", वो बचपन के खेल, वो हर शाम थक के चूर हो जाना, अब शाम नहीं होती, दिन ढलता है और सीधे रात हो जाती है. शायद वक्त सिमट रहा है.. जब मैं छोटा था, शायद दोस्ती बहुत गहरी हुआ करती थी, दिन भर वो हुज़ोम बनाकर खेलना, वो दोस्तों के घर का खाना, वो लड़कियों की बातें, वो साथ रोना, अब भी मेरे कई दोस्त हैं, पर दोस्ती जाने कहाँ है, जब भी "ट्रेफिक सिग्नल" पे मिलते हैं "हाई...

आओ प्रिय दिवाली मनाए

कहा उसने आओ प्रिय दिवाली मनाए। अपने संग होने की खुशियों में समाए आओ प्रिय दिवाली मनाए।                             हाथ पकड़ दीये के पास लाई                             जलाने को जो उसने लौ उठाई                              तभी देखा                             दूर एक घर                             अंधेरों में डूबा था।                            बम के धमाको से                            ये भी तो थरार्या था                       ...

मित्रो के लिए ठंड

ठंड के स्वागत में कुछ पंक्तियाँ हमारे मित्रों के लिये :- मौसम ने ली अंगड़ाई और निकल ली आपने रजाई। आइसक्रीम से हुई लड़ाई और मूंगफली है घर में आई। शरबत से मुँह मोड़ लिया चाय से नाता जोड़ लिया। जरा सी ठंड क्या पड़ी आपने तो नहाना ही छोड़ दिया।

ठंड

ठंड का मौसम हमे बहुत ही अच्छा लगता है।  ठंड का मौसम कुछ इस तरह का होता है :- जाड़े की धूप, टमाटर का सूप।। मूंगफली के दाने, छुट्टी के बहाने ।। तबीयत नरम , पकौड़े गरम ।। ठंडी हवा, मुँह से धुँआ ।। फटे हूए गाल, सर्दी से बेहाल ।। तन पर पड़े, ऊनी  कपड़े ।। दुबले भी लगते, मोटे तगड़े ।। किटकिटाते दाँत, ठिठुरते ये हाथ ।।      जलता अलाव, हाथों का सिकाव ।। गुदगुदा बिछौना, रजाई में सोना ।। सुबह का होना, सपनो में खोना ।। स्वागत है सर्दियों का आना ।।